नागपुर में 33 साल बाद मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण, 39 विधायक बने मंत्री
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 39 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 33 को कैबिनेट और 6 को राज्य मंत्री बनाया गया। सबसे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। अन्य प्रमुख चेहरों में पंकजा मुंडे, नितेश राणे और गिरीश महाजन जैसे नेता शामिल हैं।
नागपुर/ महाराष्ट्र में महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का आयोजन 15 दिसंबर को नागपुर के राजभवन में हुआ। यह शपथ ग्रहण समारोह 33 साल बाद नागपुर में आयोजित किया गया। इससे पहले 1991 में नागपुर में शपथ ग्रहण हुआ था, जब तत्कालीन राज्यपाल सी. सुब्रमण्यम ने छगन भुजबल और अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई थी।
39 विधायक बने मंत्री
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 39 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 33 को कैबिनेट और 6 को राज्य मंत्री बनाया गया। सबसे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। अन्य प्रमुख चेहरों में पंकजा मुंडे, नितेश राणे और गिरीश महाजन जैसे नेता शामिल हैं।
महायुति गठबंधन की सरकार
महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 235 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। बीजेपी ने 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें हासिल कीं।
शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार
नागपुर में सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले यह विस्तार हुआ। देवेंद्र फडणवीस ने 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन तीनों दलों में विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान के चलते मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हुई।
देवेंद्र फडणवीस की नई टीम
इस विस्तार में फडणवीस ने अपने मंत्रिमंडल में अनुभव और युवा जोश का संतुलन बनाया है। सरकार की प्राथमिकता आगामी योजनाओं और विकास कार्यों को गति देने की है। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।
नागपुर में शपथ ग्रहण का आयोजन महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुआ है, जिससे महायुति सरकार को अपनी योजनाओं को मजबूती से लागू करने का अवसर मिलेगा।